Lata Mangeshkar (September 28, 1929, Indore, British India—February 6, 2022, Mumbai, India) was a famed Indian playback singer known for her distinctive voice and a vocal range of more than three octaves. Her career spanned eight decades, and she recorded songs for over 2,000 Indian cinema soundtracks.
Dinanath
Mangeshkar, Mangeshkar's father, was a well-known Marathi theatre personality
known as Master Dinanath. Lata, the eldest of five siblings, was exposed to
music from a young age. At the age of 13, she recorded her first song for
Vasant Joglekar's Marathi film Kiti Halaal, but it was cut from the final cut.
Mangeshkar was taught by maestros such as Aman Ali Khan Sahib and Amanat Khan
from the age of five by her father, a disciple of the Gwalior Gharana (a
community of musicians who share a specific musical style). She struggled as a
teenager to support her family and make a name for herself as a playback singer
in the Hindi cinema industry of the 1940s when the industry was dominated by
divas like Shamshad Begum and Noor Jehan.
Mangeshkar's
destiny was secured once she recorded the hit "Uthaye ja unke sitam"
in Andaz (1949). She went on to voice the musical parts for every significant
leading lady in Hindi movies from Nargis and Waheeda Rehman through Madhuri
Dixit and Preity Zinta, from then on. Music directors like Naushad Ali, Madan
Mohan, and S.D. Burman wrote songs expressly for her to showcase her versatile
soprano. Mahal (1949), Barsaat (1949), Satyam Shivam Sundaram(1978), and Maine Pyar
Kiya (1979) were all commercial successes thanks to Mangeshkar's singing
(1989). Her wartime rendition of the poet Pradeep's patriotic song "Ae
mere Watan Ke logo," which moved Indian Prime Minister Jawaharlal Nehru to
tears, was notable among her concert performances.
Between
1948 and 1987, Mangeshkar recorded 30,000 solo, duet, and chorus-backed song
recordings in 14 Indian languages, according to a 1991 report. She received
four Filmfare awards for her songs "Aaja re pardesi" from Madhumati
(1958), "Kahin deep Jale Kahin Dil" from Bees Saal Baad (1962),
"Tumhi mere mandir" from Khandaan (1965), and "Aap Mujhe ache
lagne lage" from Jeene ki raah (1966). (1969). In 1999, she received the
Padma Vibhushan, one of India's highest civilian honors, and two years later,
she became the second cinema personality to receive the Bharat Ratna (2001),
India's highest civilian award for performance of the year (the first was
Satyajit Ray in 1992).
1. फोटोग्राफी मेरा शौक है लेकिन गाने गाना मेरी तपस्या है।
2. एक इंसान के अंदर की भावनाएं उसके संगीत में गहरा प्रभाव डालती हैं।
3. मेरी आवाज भगवान की देन होने के साथ-साथ मेरे माता-पिता और गुरु का आशीर्वाद भी है।
4. हमें अपने जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए लगातार कर्म करते रहना चाहिए एक ना एक दिन हमें सफलता जरुर मिलेगी।
5. मैं एक शक्ति में विश्वास करती हूं, और वह है भगवान का हाथ। मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं।
6. एक गायक के रूप में, आपको अपनी अंतरात्मा को संगीत में लाना होगा।
7. हर किसी को करियर के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध होना चाहिए। अन्यथा, कोई मतलब नहीं है।
8. मैंने हमेशा जीवन से प्यार किया है, चाहे मेरी यात्रा कितनी भी उतार-चढ़ाव भरी क्यों न हो।
9. बिना ईश्वर की कृपा , गुरु के आशीर्वाद और माता-पिता की परवरिश के प्रसिद्धि प्राप्त नहीं होती।
10. जीवन के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने के लिए कठिन साधना की आवश्यकता होती है।
11. जो जल्दी शिखर को प्राप्त करते हैं वह उतनी ही गति से नीचे भी आ जाते हैं अभ्यास के रूप में साधना जीवन को नया रंग देता है।
12. किसी भी गुरु को दुखी करके उसके द्वारा दी गई शिक्षा का सदुपयोग नहीं किया जा सकता।
13. कठिन साधना करके भी जो ज्ञान का अर्जन करता है पुण्य का भंडार एकत्रित करता है एक क्षण के क्रोध से वह सब नष्ट हो जाता है।
14. जो समाज से पाया है , उसे समाज को लौटा देना ही महापुरुषों का कर्तव्य होता है।
15. संगीत आत्मा की आवाज है गायक केवल शब्दों को बोलता है भावनाएं अंतरात्मा की आवाज बनती है।
16. एक शिक्षक अपनी शिक्षा को जिस प्रकार समाज में बांट देता है उसी प्रकार प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य होना चाहिए , समाज के हित में अपना योगदान सुनिश्चित करें।
17. संगीत के क्षेत्र में जिस दिन अहंकार मन में आ गया उस दिन संगीत ज्ञान आपका बस समझो शून्य गया हो ।
18. एक गायक की भावनाएं ही उसके संगीत का मूल आधार बनती है।
19. व्यक्ति जितना सच्चा होता है, उतना ही वह महान होता है।
20. व्यक्ति के भीतर की छुपी भावनाएं उसके स्वर तंत्रीयों को प्रभावित करती है।
21. सफल साधना बिना गुरु के संभव नहीं है, गुरु भी बिना साधना के सफल नहीं है।